कुकरीचोली हत्याकांड : पुलिस को मिला सुसाइट नोट, जांच जारी

कोरबा : कुकरीचोली में पति- पत्नी व दो साल की मासूम बच्ची की संदिग्ध मौत के मामले की जांच में लगी पुलिस के हाथ घटनास्थल से सुसाइट नोट लगा है। इसमें क्या लिखा है, इसकी जानकारी पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही। अभी पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। साथ ही सुसाइट नोट की हेडराइटिंग का भी मिलान किया जाएगा।उरगा थाना से करीब छह किलोमीटर दूर ग्राम कुकरीचोली में निवासरत निवासरत जयराम धोबी 27 वर्ष. उसकी पत्नी सुजाता 23 वर्ष व पुत्री जयसिका दो वर्ष का शव संदिग्ध अवस्था में कमरे के अंदर मिला। उसके बड़े भाई श्रीराम धोबी की माने, तो सुबह अंदर से काफी देर तक कोई आवाज नहीं आई, तो उसने उठाने का प्रयास किया और इसके बाद भी कोई हलचल नहीं हुई। तब उसने टंगिया से दरवाजा तोड़ कर खोला। अंदर तीनों की लाश पड़ी मिली और इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने जांच पड़ताल शुरू की, तो एक डायरी मिला, जिसके दो पन्ने में सुसाइट नोट लिखा हुआ था। इसमें क्या लिखा है, इस बात की जानकारी पुलिस अभी नहीं दे रही। प्रारंभ में सीधे तौर पर इसे हत्या का मामला पुलिस मान रही थी, पर सुसाइट नोट मिलने के बाद जांच की दिशा बदल गई है। हालांकि अभी भी पुलिस पूरी तरह तसल्ली कर लेना चाह रही, इसलिए मृतकों का पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। यदि यह बात स्पष्ट हो जाती है कि पत्नि व बच्चे की हत्या करने के बाद पति जयराम धोबी ने खुद के हाथ के नस काट कर आत्महत्या की है, तो मामला साफ हो जाएगा। पुलिस मिले सुसाइट नोट के भी अक्षरों का मिलान मृतक द्वारा लिखे गए हस्तलिपि से कर लेना चाह रही। दोनों ही नमूने रायपुर स्थित लेखन एक्सपर्ट टीम को भेजेगी। घर का माहौल अभी गमगीन है, इसलिए उसकी हस्तलिपि कागज जुटाने का प्रयास पुलिस ने नहीं किया है। पति ने हत्या करने के बाद आत्महत्या की हो या फिर मामला हत्या का हो। क्षेत्र के लोग इस हृदयविदारक घटना से स्तब्ध हैं।
पुलिस ने साक्ष्य जुटाने फारेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली है, ताकि घटनास्थल पर मिले फिंगर प्रिंटो की मदद जांच में मिल सके। पुलिस डाग स्क्वाड टीम की भी मदद ली। घटनास्थल से गंध लेकर निकला डाग मृतक के बड़े भाई के कमरे में जाकर रूका और भोंकने लगा। इस आधार पर भी पुलिस ने उससे व्यापक पूछताछ की है। भाई के बयानों की भी पुष्टि करने में पुलिस लगी है। पुलिस अधिकारियों ने संभावना जता है कि सबसे पहले घटनास्थल पर बड़ा भाई पहुंचा था, इसलिए डाग ने यह संकेत दिया होगा।

ठेका काम का रूका था भुगतान, इसलिए था परेशान
जयराम ठेकेदारी का काम करता था। सूत्रों का दावा है कि सुसाइट नोट में एक बड़े ठेकेदार काजिक्र है, जिसके अंदर वह काम किया था, लेकिन उसने भुगतान नहीं किया। यह राशि काफी ज्यादा हो गई। बताया यह जा रहा है कि भुगतान लंबित होने का स्पष्ट जिक्र नही है। नोट में लिखा गया कि भुगतान नहीं मिलने से कई प्रकार की समस्याएं खड़ी हुई जिससे वह परेशान था। बार-बार की किचकिच को लेकर उसने खुद को समाप्त कर लिया। इसके अलावा अपने परिवार को भी जीवित नहीं छोड़ा।