रेडी-टू-ईट परियोजना में गड़बड़ी का आरोप, समूहों ने कलेक्टर से की जांच और निरस्तीकरण की मांग

कोरबा, 05 जून 2025: कोरबा जिले के हरदीबाजार और कटघोरा आईसीडीएस परियोजनाओं में रेडी-टू-ईट कार्य के लिए समूहों के चयन में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगा है। जिया स्व सहायता समूह और संतोषी समूह ने कलेक्टर को शिकायत पत्र सौंपकर चयन प्रक्रिया में धोखाधड़ी का दावा किया है और कार्य आदेश को निरस्त करने की मांग की है। जिला पंचायत सदस्यों और भाजपा पदाधिकारियों ने भी इस मामले में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए जांच की मांग की है।

हरदीबाजार परियोजना में विवाद

जिया महिला स्व सहायता समूह ने हरदीबाजार परियोजना में चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। समूह का कहना है कि प्रारंभिक सूची में उनके 83 अंकों के साथ प्रथम स्थान था, जबकि जय दुर्गा समूह, बोइदा को 67 अंक मिले थे और वह चौथे स्थान पर था। इसके बावजूद, जय दुर्गा समूह को 18 अंक अतिरिक्त देकर प्रथम स्थान पर चयनित कर वर्क आर्डर जारी कर दिया गया। समूह ने आरोप लगाया कि 16 अंकों के अंतर को नजरअंदाज कर चयन समिति ने धोखाधड़ी की है।

कटघोरा परियोजना में भी गड़बड़ी

कटघोरा परियोजना के मुढ़ाली क्षेत्र में जय मां दुर्गा स्व सहायता समूह को वर्क आर्डर दिए जाने पर संतोषी समूह, मलगांव ने आपत्ति दर्ज की है। समूह के अनुसार, प्रारंभिक सूची में उनके 81 अंकों के साथ प्रथम स्थान था, लेकिन अंतिम सूची में जय मां दुर्गा समूह को 15 अंक अतिरिक्त देकर 83 अंकों के साथ चयनित कर लिया गया, जबकि संतोषी समूह को तीसरे स्थान पर धकेल दिया गया। समूह ने दावा किया कि चयन समिति ने सांठ-गांठ कर दस्तावेजों में हेराफेरी की और शून्य अंक वाले मामले में अंक बढ़ाए।

जिला पंचायत और भाजपा की मांग

जिला पंचायत सदस्य विनोद यादव सहित अन्य पंचायत प्रतिनिधियों और भाजपा पदाधिकारियों ने कलेक्टर से कटघोरा परियोजना में संतोषी समूह को चयनित करने की मांग की है। यादव ने कहा कि चयन समिति ने जय मां दुर्गा समूह को प्रथम स्थान देने का आधार स्पष्ट नहीं किया। उन्होंने पूरे मामले में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए कार्य आदेश को निरस्त करने और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

समूहों की मांग

चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और कथित धोखाधड़ी की जांच।

हरदीबाजार और कटघोरा परियोजनाओं के वर्क आर्डर निरस्त करना।

निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन।

यह मामला जिले में रेडी-टू-ईट परियोजनाओं के चयन में पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। कलेक्टर से शिकायत के बाद अब प्रशासन की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं। यदि आरोप सिद्ध होते हैं